महेश शर्मा ने इस जीवनी में केवल कस्तूरबा के व्यक्तित्व और संघर्षों का विवरण ही नहीं दिया है, बल्कि उनके दृढ़ निश्चय, त्याग और सहनशीलता की ऐसी झलक पेश की है जो पाठक के मन को गहराई से छू जाती है।
यह पुस्तक एक महिला की आवाज़ है, जो अपने पति महात्मा गांधी के साथ-साथ स्वयं भी सामाजिक सुधारों और स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी थीं। “कस्तूरबा गांधी” उस साहस और समर्पण की गाथा है जिसने इतिहास की धारा को मोड़ा।
कस्तूरबा गांधी में लेखक ने कस्तूरबा की जीवंत छवि को शब्दों में उतारा है, जिससे उनके संघर्ष, धैर्य और आदर्शों की प्रेरणा हर पन्ने पर महसूस होती है। यह कृति न केवल एक इतिहास है, बल्कि जीवन के प्रति प्रेम, सेवा और त्याग की भी अनुभूति कराती है।
यह पुस्तक उन सभी के लिए है जो जानना चाहते हैं कि कैसे एक सामान्य गृहिणी ने अपनी असाधारण प्रतिबद्धता और साहस से भारतीय समाज और स्वतंत्रता आंदोलन को प्रभावित किया।
कस्तूरबा गांधी केवल एक जीवनी नहीं, बल्कि प्रेरणा का स्त्रोत है — जिसे पढ़ा नहीं, बल्कि महसूस किया जाता है।