मेरे साहित्य प्रेमी मित्रों…
मेरा स्वाभिमान है भारत.. में भारतीय सभ्यता, संस्कृति, स्वाभिमान और भारत माता कि मातृत्व की बात बयां की है.. मेने इस बुक में भारत की विशेषताएं का वर्णन नहीं किया है क्योंकि विशेषताएं तो इनकी वर्णी जाती है जिनकी काबिलीयत पर कोई शंका हो.. मित्रों मेने इस बुक में भारतीयता व्यक्त की है.. ओर हमेशा याद रखना खोखली देशभक्ति से राष्ट्र का निर्माण नहीं हो सकता.. देश भक्ति से ओतप्रोत मेरी इस बुक की एक ग़ज़ल सुनिए…
धरती मां के दामन पर खिली एक कली है…
पुश्तों से खामोश होंठों ने छोड़ा मौन है..,
दुनिया में चकचार मच गया है..
उन खामोश होंठों का पहला लफ्ज़ है..
मेरा स्वाभिमान है भारत...
मेरा स्वाभिमान है भारत.. में मेरे आदर्श मेजर विभुति ढौंडियाल ओर इनकी अर्धांगिनी लेफ्टिनेंट नितिका विभुति ढौंडियाल कि देशभक्ति कि कहानी बयां कि है…ओर यह इ-बुक में नितिका विभुति ढौंडियाल ओर इनकी देशभक्ति को समर्पित करता हूं.. अब आगे के मेरी कलम से बयां हुए अल्फ़ाज़ मेरी पुस्तक में ही महसूस करना…।।
. - MEHUL BALDANIYA
. 28/6/2021