Narottam Pandey [Author] द्वारा रचित यह कृति पाठकों को अपने आत्मबल, विश्वास और जुझारूपन की शक्ति से परिचित कराती है।
यह पुस्तक उन क्षणों में संबल देती है जब जीवन कठिनाइयों से घिरा हो। यह हार मानने के बजाय मैदान में डटे रहने की प्रेरणा देती है।
Ganga Ke Paar Aar हर उस पाठक के लिए है जो अंदर से टूट रहा है, लेकिन आगे बढ़ने का संकल्प लेना चाहता है।
यह केवल एक किताब नहीं, आत्म-संवाद है — जो प्रेरणा, आत्मविश्वास और कर्मशीलता की ऊर्जा जगाता है।