‘‘या बात है? या खोज रहे हो तुम यहाँ?’’ अचानक नींद से जागे और अचंभित वाल्डो ने वैन ताह्न से पूछा; जिसे पहचानने में उसे कुछ समय लगना स्वाभाविक था।
‘‘भेड़ ढूँढ़ रहा हूँ।’’ जवाब आया।
‘‘भेड़?’’ वाल्डो चीख पड़ा।
‘‘हाँ; भेड़।’’ ‘‘तुम या समझते हो; मैं कोई जिराफ की खोज में आया हूँ।’’
‘‘मैं नहीं समझता कि दोनों में से कोई भी तुमको मेरे कमरे में यों मिलनेवाला है।’’ वाल्डो ने गुस्से में पलटकर जवाब दिया।
‘‘रात के इस समय; मैं इस विषय पर बहस नहीं कर सकता।’’ बर्टी ने कहा और वह जल्दी-जल्दी मेज की दराजों में हाथ डालकर खोजने लगा। कमीजें और कच्छे उड़-उड़कर फर्श पर गिरने लगे।
‘‘यहाँ कोई भेड़ नहीं है; मैं तुमसे कहता हूँ।’’ वाल्डो चिल्लाया।
‘‘मैंने तुमको सिर्फ कहते सुना है।’’ बर्टी ने बिस्तर के अधिकतर कपड़े जमीन पर फेंकते हुए कहा; ‘‘अगर तुम कुछ छिपा नहीं रहे होते तो तुम इतने उोजित नहीं होते।’’
इस समय तक वाल्डो समझ चुका था कि वैन ताह्न पागलों जैसा बरताव कर रहा है और फिर वह उससे ठिठोली करने लगा।
—इसी संग्रह से
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साकी के नाम से यात महान् कहानीकार हैटर ह्यूग मुनरो ने समाज में व्याप्त सभी तरह की विसंगतियों; असमानताओं एवं मानवीय संबंधों के बीच के द्वंद्व को अपनी कहानियों में उतारा है; जो रोचक तो हैं ही; पाठकीय-रस से सराबोर हैं।Saki Ki Lokpriya Kahaniyan by Saki: "Saki Ki Lokpriya Kahaniyan" is likely a collection of popular short stories written by the British author H.H. Munro, known by his pen name Saki.
Key Aspects of the Book "Saki Ki Lokpriya Kahaniyan":
Short Stories: The book may feature a selection of Saki's witty and satirical short stories, known for their humor and social commentary.
British Literature: It might be a representation of British literature from the early 20th century, showcasing Saki's unique storytelling style.
Entertainment and Satire: "Saki Ki Lokpriya Kahaniyan" could entertain readers with Saki's humorous narratives while subtly critiquing societal norms.
The author, Saki, is a renowned British writer known for his clever and amusing short stories, which continue to captivate readers with their wit and humor.