Ameer Khusro : Bhasha, Sahitya Aur Aadhyatmik Chetna

· Vani Prakashan
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वे प्राच्य व नव कवियों के शिरोमणि हैं, शब्दार्थ के आविष्कारक, रचनाओं की अधिकता और उनके आश्चर्यजनक रूप से भेदपूर्ण प्रस्तुतीकरण में वे अद्वितीय थे। यद्यपि गद्य व पद्य में अन्य गुरु भी अद्वितीय हुए हैं, परन्तु अमीर ख़ुसरो सम्पूर्ण साहित्य कला में विशिष्ट और उच्च स्थान पर विराजमान हैं। ऐसा कला मर्मज्ञ जो काव्य की समस्त विशेषताओं में विशिष्ट स्थान रखता हो, इससे पूर्व में न हुआ है और न बाद में संसार के अन्त तक होगा। ख़ुसरो ने गद्य और पद्य में एक पुस्तकालय की रचना की और काव्यशीलता को पुरस्कृत किया है। सर्वगुणसम्पन्न व अलंकारिकता के साथ ही वे अत्यन्त सात्विक थे। अपनी आयु का अधिकतर भाग पूजा-पाठ में व्यतीत किया। कुरान पढ़ते थे। ईश्वरीय आराधना में लीन रहते और प्रायः व्रत रखते थे। वे शेख़ के विशेष शिष्यों में थे। समाअ में तल्लीन रहते थे। संगीत प्रेमी थे। अद्वितीय गायक थे। राग और स्वर रचना में निपुण थे। कोमल और निर्मल हृदय से जिस कला का सम्बन्ध है, उसमें वे सर्वगुणसम्पन्न थे। उनका अस्तित्व अद्वितीय था और अन्त समय में उनका स्वभाव भी अत्यधिक प्रेममय हो गया था।

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rajmuhammad ansari
April 28, 2022
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About the author

पत्रकार, साहित्यकार और शिक्षक ज़ाकिर हुसैन ज़ाकिर का जन्म उ.प्र. के देवरिया जिले के ग्राम बसडीला मैनुद्दीन में 10 जनवरी 1966 को हुआ। उन्होंने शिब्ली नेशनल पीजी कॉलेज आज़मगढ़ से स्नातक और गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर से एम.ए. उर्दू और पीएच.डी. की उपाधि ग्रहण करने के उपरान्त एस.एस. विलायत हुसैन पीजी कॉलेज सीतापट्टी देवरिया (उ.प्र.) में अध्यापन कार्य किया, तदोपरान्त बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक हो गये। वे लम्बे समय से रोज़नामा राष्ट्रीय सहारा के संवाददाता रहे। उनकी दो पुस्तकें हिन्दुस्तानी मीडिया और उर्दू और आलोचनात्मक निबन्धों का एक संकलनख़ंदा हाए गुल प्रकाशित हो चुकी हैं। निबन्ध और आलोचनात्मक विश्लेषण विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं।  

अमीर ख़ुसरो पर एक शोधपरक पुस्तक अमीर ख़ुसरो : व्यक्तित्व, चिन्तन और अध्यात्म शीघ्र ही प्रकाशित होने वाली है। इस पुस्तक में अमीर ख़ुसरो के व्यक्तित्व, चिन्तन और आध्यात्मिक चेतना के विषय पर 200 पृष्ठों की विस्तृत शोधपरक भूमिका के अतिरिक्त अब तक प्राप्य हिन्दवी काव्य को भी सम्मिलित किया गया है। इस पुस्तक का उर्दू संस्करण भी प्रेस में जाने के लिए तैयार है। इसके अतिरिक्त उर्दू में दो अन्य पुस्तकें सहाफ़त का आगाज़ व इर्तेका एवं गहवार-ए-इल्म व अदब गोरखपुर भी लेखन के अन्तिम चरणों में हैं।

 

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