हम हर दिन जिस तरह, पीने का पानी बदलते हैं, वैसे ही अपने जीवन को तरोताजा रखने के लिए उत्साह और परिवर्तन ज़रूरी है।
आज इंसान मशीन की तरह जीवन जी रहा है।
वही सुबह उठना, तैयार होना, ऑफिस जाना, भोजन करना और रात को सो जाना।
उसके पास सोचने के लिए समय ही नहीं है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो कुछ सालों बाद वह बोर हो जाएगा और खुद समस्या बन जाएगा।
मगर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो हटके करने के लिए उत्सुक रहते हैं। वे समाधान बन जाते हैं।
इंसान को हर दिन कुछ नया चाहिए होता है, जिसमें रोमांच हो, जिसे करते हुए उत्साह और विकास बना रहे।
इसी को ध्यान में रखते हुए यह पुस्तक लिखी गई है।
आप सुबह की गतिविधियों में छोटे मगर रचनात्मक बदलाव लाकर, बड़ा परिणाम पा सकते हैं। जैसे किः
* आपके जीवन को, हर उम्र में, नयापन मिलेगा
* आप बोरडम से उत्साह की ओर चल पड़ेंगे
* मशीनियत तोड़कर जीवन में होश का आगमन होगा
* आपमें रचनात्मकता के गुण विकसित होंगे
* आप विकास के नए आयाम छूने को तैयार होंगे
तो चलिए, इस पुस्तक में दिए गए 21 सुझावों से अपने मॉर्निंग्स को मैजिकल बनाएँ और जीवन में स्वास्थ्य और मानसिक क्षमता बढ़ाकर, हर दिन, हर सुबह को रचनात्मक बनाकर आनेवाले आनंदमयी जीवन का स्वागत करें।
तेजज्ञान फाउण्डेशन - परिचय
तेजज्ञान फाउण्डेशन आत्मविकास से आत्मसाक्षात्कार प्राप्त करने का एक रास्ता है। इसके लिए सरश्री द्वारा एक अनूठी बोध पद्धति (System for Wisdom) का सृजन हुआ है। इस पद्धति को अन्तर्राष्ट्रीय मानक ISO 9001:2015 के आवश्यकताओं एवं निर्देशों के अनुरूप ढालकर सरल, व्यावहारिक एवं प्रभावी बनाया गया है।
इस संस्था की बोध पद्धति के विभिन्न पहलुओं (शिक्षण, निरीक्षण व गुणवत्ता) को स्वतंत्र गुणवत्ता परीक्षकों (Quality Auditors) द्वारा क्रमबद्ध तरीके से जाँचा गया। जिसके बाद इन पहलुओं को ISO 9001:2015 के अनुरूप पाकर, इस बोध पद्धति को प्रमाणित किया गया है।
फाउण्डेशन का लक्ष्य आपको नकारात्मक विचार से सकारात्मक विचार की ओर बढ़ाना है। सकारात्मक विचार से शुभ विचार यानी हॅपी थॉट्स (विधायक आनंदपूर्ण विचार) और शुभ विचार से निर्विचार की ओर बढ़ा जा सकता है। निर्विचार से ही आत्मसाक्षात्कार संभव है। शुभ विचार (Happy Thoughts) यानी यह विचार कि ‘मैं हर विचार से मुक्त हो जाऊँ।’ शुभ इच्छा यानी यह इच्छा कि ‘मैं हर इच्छा से मुक्त हो जाऊँ।’
ज्ञान का अर्थ है सामान्य ज्ञान लेकिन तेजज्ञान यानी वह ज्ञान जो ज्ञान व अज्ञान के परे है। कई लोग सामान्य ज्ञान की जानकारी को ही ज्ञान समझ लेते हैं लेकिन असली ज्ञान और जानकारी में बहुत अंतर है। आज लोग सामान्य ज्ञान के जवाबों को ज़्यादा महत्त्व देते हैं। उदाहरण के तौर पर कर्म और भाग्य, योग और प्राणायाम, स्वर्ग और नर्क इत्यादि। आज के युग में सामान्य ज्ञान प्रदान करनेवाले लोग और शिक्षक कई मिल जाएँगे मगर इस ज्ञान को पाकर जीवन में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं होता। यह ज्ञान या तो केवल बुद्धि विलास है या फिर अध्यात्म के नाम पर बुद्धि का व्यायाम है।
सभी समस्याओं का समाधान है- तेजज्ञान। भय से मुक्ति, चिंतारहित व क्रोध से आज़ाद जीवन है- तेजज्ञान। शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए है- तेजज्ञान। तेजज्ञान आपके अंदर है, आएँ और इसे पाएँ।
यदि आप ऐसा ज्ञान चाहते हैं, जो सामान्य ज्ञान के परे हो, जो हर समस्या का समाधान हो, जो सभी मान्यताओं से आपको मुक्त करे, जो आपको ईश्वर का साक्षात्कार कराए, जो आपको सत्य पर स्थापित करे तो समय आ गया है तेजज्ञान को जानने का। समय आ गया है शब्दोंवाले सामान्य ज्ञान से उठकर तेजज्ञान का अनुभव करने का।
अब तक अध्यात्म के अनेक मार्ग बताए गए हैं। जैसे जप, तप, मंत्र, तंत्र, कर्म, भाग्य, ध्यान, ज्ञान, योग और भक्ति आदि। इन मार्गाें के अंत में जो समझ, जो बोध प्राप्त होता है, वह एक ही है। सत्य के हर खोजी को अंत में एक ही समझ मिलती है और इस समझ को सुनकर भी प्राप्त किया जा सकता है। उसी समझ को सुनना यानी तेजज्ञान प्राप्त करना है। तेजज्ञान के श्रवण से सत्य का साक्षात्कार होता है, ईश्वर का अनुभव होता है। यही तेजज्ञान सरश्री महाआसमानी शिविर में प्रदान करते हैं।