Manjhali Didi (Bangla Novel in Hindi) in Hindi मंझली दीदी by Sarat Chandra Chattopadhyay by Sarat Chandra Chattopadhyay

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About this ebook

मंझली दीदी शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का एक अत्यंत भावनात्मक और सामाजिक संवेदनाओं से परिपूर्ण उपन्यास है, जो पारिवारिक संबंधों, नारी मन की गहराइयों और मानवीय करुणा की मार्मिक प्रस्तुति करता है। इस कथा की नायिका एक मध्यमवर्गीय संयुक्त परिवार की 'मंझली बहू' है — जो न केवल अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित है बल्कि परिवार की धुरी भी बन जाती है। वह त्याग, प्रेम, बलिदान और आत्म-संयम की प्रतीक है, जो अपने ही परिवार से मिलने वाले उपेक्षा और संदेह को मौन रूप से सहती रहती है। उपन्यास की विशेषता है इसकी गहराई और सहजता — जहाँ शरतचंद्र ने बिना किसी अतिनाटकीयता के पात्रों के मनोभावों और स्थितियों को इस तरह उकेरा है कि पाठक उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ जाता है। मंझली दीदी समाज में स्त्री की भूमिका, उसकी अस्मिता और उसके संघर्षों को दर्शाते हुए यह प्रश्न उठाती है कि क्या त्याग और सहनशीलता की पराकाष्ठा भी स्त्री को समाज से वह स्थान दिला सकती है, जिसकी वह वास्तव में हक़दार है? यह उपन्यास न केवल स्त्री-जीवन का सूक्ष्म विश्लेषण करता है बल्कि भारतीय पारिवारिक संरचना, रिश्तों की जटिलता और समाज में व्याप्त संकीर्ण मानसिकता पर भी प्रहार करता है।

About the author

शरतचंद्र चट्टोपाध्याय (1876–1938) बांग्ला साहित्य के सर्वाधिक लोकप्रिय और मानवीय संवेदना से परिपूर्ण लेखक माने जाते हैं। उनके उपन्यासों और कहानियों में ग्रामीण जीवन, स्त्री-मन, सामाजिक विषमताएँ और पारिवारिक संबंधों की गहरी समझ मिलती है। उनकी कृतियाँ जैसे देवदास, चरित्रहीन, श्रीकांत, परिणीता, गृहदाह आदि आज भी प्रासंगिक हैं और कई भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। सरल भाषा, भावनात्मक प्रवाह और सामाजिक यथार्थ उनकी लेखनी की विशेषताएँ हैं।

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