भगवद्गीता मानव जाति की धरोहर है; जीवन के सद्निर्माण की पथ-प्रदर्शिका है। श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया गीता का उपाख्यान संजय ने धृतराष्ट्र को सुनाया। उसे सुनकर धृतराष्ट्र ने जगह-जगह पर संशय व्यक्त किए; जिनका समाधान संजय ने अपनी बुद्धि के अनुसार किया; पर धृतराष्ट्र मोह; लोभ एवं अहं से संतृप्त होने के कारण संजय के कथन को पूर्णरूप से ग्रहण नहीं कर सके। धृतराष्ट्र के समय के परिवेश तथा वर्तमान परिवेश में कई समानताएँ हैं। आजकल के मनुष्य के मन एवं बुद्धि में गीता पढ़ते समय उसी प्रकार के प्रश्न उठते हैं। इस कृति के माध्यम से मनुष्य के उन सभी संभावित प्रश्नों; संशयों को गीता के सूत्रों की पृष्ठभूमि में स्पष्ट किया गया है। आशा है; यह कृति इस सरलीकृत रूप में गीता के मूल सिद्धांतों को हृदयंगम करने में सहायक होगी।
Kinderboeken
ဤ E-စာအုပ်ကို အဆင့်သတ်မှတ်ပါ
သင့်အမြင်ကို ပြောပြပါ။
သတင်းအချက်အလက် ဖတ်နေသည်
စမတ်ဖုန်းများနှင့် တက်ဘလက်များ
Android နှင့် iPad/iPhone တို့အတွက် Google Play Books အက်ပ် ကို ထည့်သွင်းပါ။ ၎င်းသည် သင့်အကောင့်နှင့် အလိုအလျောက် စင့်ခ်လုပ်ပေးပြီး နေရာမရွေး အွန်လိုင်းတွင်ဖြစ်စေ သို့မဟုတ် အော့ဖ်လိုင်းတွင်ဖြစ်စေ ဖတ်ရှုခွင့်ရရှိစေပါသည်။
လက်တော့ပ်များနှင့် ကွန်ပျူတာများ
Google Play မှတစ်ဆင့် ဝယ်ယူထားသော အော်ဒီယိုစာအုပ်များအား သင့်ကွန်ပျူတာ၏ ဝဘ်ဘရောင်ဇာကို အသုံးပြု၍ နားဆင်နိုင်ပါသည်။