Migmir Tsering and 21 Stories

Anand Singh Mehra
4.6
69 ulasan
e-Buku
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Perihal e-buku ini

 हम इस ब्रह्मांड की अनगिनत आकाशगंगाओ के बीच एक छोटी सी आकाशगंगा के सौरमंडल में सूर्य और आठ ग्रहो के एक ग्रह - पृथ्वी में रहते है।   अभी तक यह विश्वास और प्रमाणित  है की सिर्फ पृथ्वी में ही जीवन है क्यूंकि यही जीवन पनपने के लिए सबसे अनुकूल वातावरण है।  वैज्ञानिक अपनी बड़ी - बड़ी दूरबीनो और गणनाओ से प्रयासरत है की कही और भी जीवन खोजा जाये।    पृथ्वी ही वो इकलौता ग्रह है जहाँ भगवान की स्वघोषित सर्वश्रेष्ठ रचना - मनुष्य अपने बाकी तमाम साथियो, जिसमे जीवन है, के साथ रहते है।  अब अगर जीवन है तो जीवंतता तो रहेगी ही , और जीवंतता है तो किस्से , कहानियाँ भी बनेगी।  माना जाता है की इस पृथ्वी को जीवन भगवान ने ही प्रदान किया।  इंसान ने अपनी बुद्धिबल पर पूरे पृथ्वी में अपने हिसाब से परिवर्तन भी कर लिया है।  इंसान ने भाषा के रूप में अभिव्यक्ति का माध्यम बनाकर अपना अर्जित ज्ञान एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचाने में सफलता प्राप्त कर ली।  उसी  का परिणाम यह है की हजारो जीवनो के बीच इंसानो का जीवन सर्वश्रेष्ठ बन गया।  हर इंसान ज़िन्दगी के इस सफर का भागीदार बनता है और ज़िंदगी उत्सव के इस कारवाँ में अपनी उपस्थिति अपने किरदार के हिसाब से तय करता है।   तमाम तरह के खट्टे मीठे अनुभवों से गुजरता है।  कुछ सीखता है और कुछ सीखा जाता है।  ज़िन्दगी का ये कारवाँ न आज तक किसी के लिए रुका है , और न ही शायद कभी किसी के लिए रुकेगा क्यूंकि इसके चलते रहने में ही जीवन है और अगर यह नहीं चलेगा तो फिर जीवंतता भी ख़त्म।  फिर न किस्से होंगे , न कहानियाँ। 

जीवन के इस सफर का आनंद उठाते जाइये क्यूंकि यह ज़िन्दगी भगवान द्वारा आपको दिया गया सर्वोच्च उपहार है।   अब इस उपहार का हम क्या करते है ? इसका पूरा निर्णय हमारे ऊपर ही निर्भर है।  खुश रहिये और ज़िन्दगी का लुफ्त लीजिये। 

" मिगमीर सेरिंग और २१ अन्य कहानियाँ  " नाम की इस किताब को आप तक पहुँचाने में हर्ष का अनुभव हो रहा है।  यह दरअसल कहानियाँ नहीं है , यह हमारे चारो और घटित वो बयानात है जिन्हे मैंने शब्दों से पिरोने की कोशिश की है।   " मिगमीर सेरिंग " मेरी एक यात्रा का वृतांत है जिसमे मैं एक इंडो -तिब्बतियन सैनिक से मिला और उसके साथ वह सफर कैसे यादगार बन गया - उसको शब्दों में ढाला है।  " जिंदगी = क्या दिया / क्या लिया " एक शिक्षक और उसके शिष्यों की कहानी है जो उनके जुड़ाव को दर्शाती है।   फिर कुछ लघु कहानियां है जो समाज में घटित घटनाओ की बानगी भर है और अंत में , "नोटबंदी - एक आम आदमी की डायरी” है जो भारतीय अर्थव्यवस्था में हुई एक महत्वपूर्ण घटना की आपबीती है।  

तो पढ़िए जीवन कारवाँ से इन २२ कहानियो को ,जिसकी हर कहानी में कोई न कोई सन्देश है।    स्वस्थ रहिये और आबाद रहिये - जीवन कारवाँ का लुफ्त लीजिये।  

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Perihal pengarang

 आनन्द मेहरा का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर के निकट कोटुली नामक गाँव में हुआ।   प्राथमिक शिक्षा के बाद आगे की स्कूली पढाई के लिए उनका चयन जवाहर नवोदय विद्यालय , ताड़ीखेत - अल्मोड़ा में हुआ जहाँ उन्होंने कक्षा 6  से लेकर कक्षा 12 तक की पढाई की।   स्कूली शिक्षा के बाद कुमाऊं विश्वविद्यालय से विज्ञान वर्ग में स्नातक परीक्षा पास की।  आगे की पढाई के लिए उनका दिल्ली जाना हुआ जहाँ से उन्होंने मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुशन किया।   वर्तमान में वो एक कंपनी में सीनियर मैनेजर - ट्रेनिंग और क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम के तौर पर कार्यरत है।   कविता और  कहानियाँ लिखना उनका बचपन से शौक रहा है।  उनके कविताओं के ब्लॉग - "कारवाँ जारी है" को अभी तक नौ लाख से ज्यादा पाठक पढ़ चुके है।   उनकी पहली किताब " इंद्रधनुष - नवोदय के सात साल " उत्कर्ष प्रकाशन द्वारा प्रकाशित हो चुकी है और पाठको में बहुत लोकप्रिय है। 

उनकी अंग्रेजी की दो किताबे “ Happiness 1.1 Reloaded”   और “ VMAGO – A Handbook for Business Excellence”  गूगल प्ले स्टोर और अमेजन  में उपलब्ध है। 

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