हापुड़ निवासी प्रबुद्ध कवयित्री रेनू माथुर जी द्वरा रचित इस पुस्तक में काव्य के साथ गद्य का समावेश है...... इस पुस्तक में उनकी रचनाओ में अपनो के लिए मर्म छुपा है... संवेदना भरी है... आपनो परिवार को समर्पित करते हुए कवयित्री ने आपने मन की भावनाओं को स्थान दिया है साथ ही पाठकों का भी ख्याल रखा है और पुस्तक को रोचक बनाने का प्रयास किया है जो पाठकों को अवश्य पसंद आयेगा...