बिजली माइकल फैराडे की ही देन है, जो मानव के लिए वरदान सिद्ध हुई है। वास्तव में उनके बाद के वैज्ञानिक और भौतिक शास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेता सर विलियम बैग ने कहा था- "कहा जाता है कि प्रौमिथियस मानव जाति की सेवा के लिए 'आग' लाए थे, हमारे लिए फैराडे 'बिजली' लाए।"
फैराडे एक संवेदनशील और आधुनिक विचारधारा वाले व्यक्ति थे। उन्होंने रॉयल सोसायटी के अध्यक्ष पद को अस्वीकार कर दिया। जब उन्हें 'सर नाइट' की पदवी से सम्मानित करने का प्रस्ताव रखा गया, तब भी उन्होंने मना कर दिया और कहा- "मैं सिर्फ माइकल फैराडे ही रहना चाहता हूँ।"
फैराडे का संपूर्ण जीवन इस बात की मिसाल है कि अगर दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो एक व्यक्ति कैसे अपने जीवन में संघर्षों और संकटों का सामना कर सकता है और अपने भाग्य को बदल सकता है। महान् वैज्ञानिक माइकल फैराडे की वैज्ञानिक दृष्टि और उनके आविष्कारों पर एक संपूर्ण पुस्तक, जो पाठकों को प्रेरित करेगी।
ममता झा
जन्म : 1973 को (मधुबनी), बिहार में।
शिक्षा : हिंदी में स्नातकोत्तर ।
कृतित्व : लेखिका ने आत्मविकास, समसामयिक विषयों पर पुस्तकें और अनेक महापुरुषों की जीवनियाँ लिखी हैं। पत्र-पत्रिकाओं में नियमित स्तंभ भी प्रकाशित ।