हैलो, दोस्त! मैं हूँ लिली। आज मैं शयनकक्ष के शिष्टाचारों के बारे में सीखूँगी। मेरी माँ ने कहा है, ‘‘लिली, तुम बड़ी हो गई हो, तो तुम्हें अपना कमरा साफ रखना चाहिए तथा बड़ों की तरह पेश आना चाहिए।’’
देखो! मेरा भाई बिस्तर पर कूद रहा है। मैंने उसे कहा, ‘‘सैम, बिस्तर से उतरो। माँ ने हमें समझाया है कि बिस्तर पर नहीं कूदना। हमें चोट लग सकती है।’’ तभी सैम बिस्तर से उतर गया।
सैम गंदे जूतों के साथ अंदर आ गया। मेरे पिता ने उसे देखकर कहा, ‘‘सैम, तुम्हें गंदे जूतों के साथ घर के अंदर नहीं आना चाहिए। उन्हें बाहर रखो या घर में आने से पहले उन्हें पायदान पर साफ करो।’’ सैम ने कहा, ‘‘ठीक है पिताजी! मैं ऐसी गलती दोबारा कभी नहीं करूँगा।’’ —पुस्तक से