Kashkol

· Manjul Publishing
4.0
1 opinión
Libro electrónico
294
Páginas
Las calificaciones y opiniones no están verificadas. Más información

Acerca de este libro electrónico

‘कशकोल’ राजकुमार केसवानी का नया कारनामा है। जहान-ए-रूमी और दास्तान-ए-मुग़ल-ए-आज़म जैसी शाहकार किताबों के बाद यह किताब भी यक़ीनन एक निहायत ज़रूरी किताब है। उर्दू अदब के नुमाया किरदारों की जिंदगी के जाने-अंजाने सफ़हात को कहीं अक़ीदत भरे लफ़्ज़ों में तो कहीं मौसीक़ाराना हुनर वाली बंदिश की तरह इस ख़ूबसूरती से बांधा गया है कि हर लफ़्ज़ एक गीत की तरह दिल में गूंज बनकर बस जाता है। -अजमल कमाल संपादक, आज.

Calificaciones y opiniones

4.0
1 opinión

Acerca del autor

26 नवम्बर 1950 को भोपाल में जन्मे राजकुमार केसवानी की पहचान एक कवि-लेखक-पत्रकार के रूप में है। कच्ची उम्र में ही उर्दू शायरी की तरफ़ रुझान हुआ। 1968 में पत्रिका स्पोर्ट्स टाईम्स में सह-सम्पादक की भूमिका से लेकर द न्यूयार्क टाईम्स, द इलस्ट्रेटेड वीकली आफ़ इंडिया, संडे, द संडे आब्ज़र्वर, इंडिया टुडे, आउट्लुक, इकॅानोमिक एंड पोलिटिकल वीकली, इंडियन एक्सप्रेस, जनसत्ता, दिनमान, न्यूज़ टाईम, ट्रिब्यून, द वीक, द एशियन एज, द इंडिपेंडेंट जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशनों से विभिन्न रूपों में जुड़े रहे। 1998 से 2003 तक एनडीटीवी के मध्यदेश-छतीसगढ ब्यूरो चीफ़ और 2003 से दैनिक भास्कर, इन्दौर संस्करण के संपादक से लेकर भास्कर समूह में संपादक (मैगज़ीन्स) के पद पर 2010 तक कार्यरत रहे। 1984 में विश्व की भीषणतम भोपाल गैस त्रासदी की ढाई वर्ष पहले से अख़बारों के ज़रिए लगातार चेतावनी और फिर गैस पीड़ितो के लिए लंबे संघर्ष के लिए अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले। श्रेष्ठ पत्रकारिता के लिए इंडियन एक्स्प्रेस समूह का बी.डी. गोयनका अवॅार्ड (1985), पर्यावरण के मुद्दों पर रिपोर्टिंग के लिए प्रेम भाटिया अवॅार्ड (2010) से सम्मानित। कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (CBC) द्वारा पत्रकारिता में उल्लेखनीय अवदान को रेखांकित करती डॅाक्यूमेंट्री भोपाल - अ प्रेयर फ़ॉर जस्टिस के अलावा हॅालीवुड फिल्म भोपाल - अ प्रेयर फ़ॉर रेन में भी राजकुमार केसवानी को एक क्रूसेडर वाली भूमिका में केंद्र में रखकर बनाया गया। पेंग्विन द्वारा प्रकाशित ब्रेकिंग द बिग स्टोरी के प्रथम अध्याय के लेखक। एशिया के 10 चुनिन्दा पत्रकारों द्वारा लिखित पुस्तक द न्यूज़ में सहयोग, जो वर्ष 2008 में कोरिया से प्रकाशित। 2006 में कविता-संग्रह बाकी बचें जो, 2007 में सातवां दरवाज़ा तथा 2008 में सूफी संत मौलाना रूमी की फ़ारसी कविताओं का अनुवाद जहान-ए-रूमी प्रकाशित। 2008 में संगीत और सिनेमा पर केंद्रित पुस्तक बाम्बे टॉकी और 2020 की बेस्ट सेलर दास्तान-ए-मुग़ल-ए-आज़म भी प्रकाशित। दैनिक भास्कर में पिछले 14 वर्षों से कॉलम आपस की बात का लेखन और पत्रिका पहल में विख्यात कथाकार ज्ञानरंजन के साथ संपादक हैं।

Califica este libro electrónico

Cuéntanos lo que piensas.

Información de lectura

Smartphones y tablets
Instala la app de Google Play Libros para Android y iPad/iPhone. Como se sincroniza de manera automática con tu cuenta, te permite leer en línea o sin conexión en cualquier lugar.
Laptops y computadoras
Para escuchar audiolibros adquiridos en Google Play, usa el navegador web de tu computadora.
Lectores electrónicos y otros dispositivos
Para leer en dispositivos de tinta electrónica, como los lectores de libros electrónicos Kobo, deberás descargar un archivo y transferirlo a tu dispositivo. Sigue las instrucciones detalladas que aparecen en el Centro de ayuda para transferir los archivos a lectores de libros electrónicos compatibles.