Giddh

·
· Vani Prakashan
5,0
2 կարծիք
Էլ. գիրք
95
Էջեր
Գնահատականները և կարծիքները չեն ստուգվում  Իմանալ ավելին

Այս էլ․ գրքի մասին

‘गिद्ध’ ऐसे अभिशप्त इनसानों की कहानी है जो अपनी गिद्ध मनोवृत्ति में आपाद्-मस्तक लिप्त हैं। या यों समझिए इनसानी लिबास पहने वे सब के सब शापभ्रष्ट गिद्ध हैं। गिद्ध-दृष्टि तो मरे हुए, चुके हुए शवों पर होती है, पर ये इनसानी गिद्ध जीवितों पर अपनी लोलुप दृष्टि लगाये इस क़दर अभिशापित हैं कि तमाम मानवीय संवेदनाएँ और रिश्ते उनके लिए शव बन चुके हैं और उनका झपट्टा एक-दूसरे पर जारी है। छल-कपट और अमानवीय दाँव-पेंचों में उसके परिवार के लोग आज की इस उपभोक्ता संस्कृति में असहज और असामान्य नहीं लगते। विजय तेंडुलकर मनुष्य और समाज की इन खोजों को जितनी तीव्रता से अनुभव करते हैं उतनी ही सहजता से उसे उकेरते भी हैं। ऐसे चरित्र भले ही क्षण-भर को असहज और असामान्य लगें, पर ये हमारे आसपास विद्यमान हैं और मंच पर वे खुलकर सामने प्रगट हो जाते हैं।

Գնահատականներ և կարծիքներ

5,0
2 կարծիք

Գնահատեք էլ․ գիրքը

Կարծիք հայտնեք։

Տեղեկություններ

Սմարթֆոններ և պլանշետներ
Տեղադրեք Google Play Գրքեր հավելվածը Android-ի և iPad/iPhone-ի համար։ Այն ավտոմատ համաժամացվում է ձեր հաշվի հետ և թույլ է տալիս կարդալ առցանց և անցանց ռեժիմներում:
Նոթբուքներ և համակարգիչներ
Դուք կարող եք լսել Google Play-ից գնված աուդիոգրքերը համակարգչի դիտարկիչով:
Գրքեր կարդալու սարքեր
Գրքերը E-ink տեխնոլոգիան աջակցող սարքերով (օր․՝ Kobo էլեկտրոնային ընթերցիչով) կարդալու համար ներբեռնեք ֆայլը և այն փոխանցեք ձեր սարք։ Մանրամասն ցուցումները կարող եք գտնել Օգնության կենտրոնում։