E.S.2595

· MEHTA PUBLISHING HOUSE
5.0
2ଟି ସମୀକ୍ଷା
ଇବୁକ୍
188
ପୃଷ୍ଠାଗୁଡ଼ିକ
ରେଟିଂ ଓ ସମୀକ୍ଷାଗୁଡ଼ିକୁ ଯାଞ୍ଚ କରାଯାଇନାହିଁ  ଅଧିକ ଜାଣନ୍ତୁ

ଏହି ଇବୁକ୍ ବିଷୟରେ

The scientific experiments take humans ahead on the path of progress. But, if there occurs an error, if there remains some flaw, if someone misuses the same, then the same experiments may lead to grave problems. This may further destroy the emotional world of a person. The said collection 2595 A.D. portrays such problems and their consequences.

‘Jiwant Machine’- ‘Alive Machine’ introduces us to RIBI, the female robot constructed by Prof. Sameer. RIBI then kills Sarita.

Vinay and Manorama from ‘Vichitra Nati’ – ‘Odd Relations’ is a wonderful loving couple. Manorama meets a near-death accident. Her life is at stake now. Vinay wants to keep her alive through cloning. This creates a mess.

‘Ani Ek Swapna Virale’- ‘And One Dream Evoporated’ is a story where four people commit suicide. They do not know each other. There seems to be no reason behind there suicide. Police start enquiries when they reach the scientific truth behind the suicides. What is that ‘Truth’?

A wonderful and suspense raising treat of stories based on the problems occurred during scientific experiments.


वैज्ञानिक प्रयोग माणसाला प्रगतिपथावर नेतात; पण या प्रयोगांमध्ये काही त्रुटी राहिल्या, चूक झाली किंवा त्या प्रयोगाचा कुणी गैरवापर केला तर किती गंभीर समस्या उद्भवू शकतात आणि माणसाच्या भावविश्वाला त्यामुळे कसा सुरुंग लागतो, याचं प्रभावी चित्रण करणाऱ्या कथांचा संग्रह आहे ‘इ.स.२५९५.’ यातील ‘जिवंत मशीन’ या कथेतील प्रो. समीर, रीबी नावाचा स्त्री रोबोट बनवतात; पण रीबीकडून सरिताचा खून होतो...‘विचित्र नाती’ कथेतील विनय आणि मनोरमा हे दाम्पत्य परस्परांवर प्रेम करणारं...पण मनोरमाला जीवघेणा अपघात होतो आणि ती मरणाच्या दारात पोचते...विनय तिला क्लोनिंगद्वारे जिवंत ठेवू पाहतो...पण त्यामुळे कशी गुंतागुंत होते? ‘आणि एक स्वप्न विरले’ या कथेत परस्परांना ओळखत नसलेल्या चार व्यक्ती काही कारण नसताना आत्महत्या करतात...पण पोलीस तपासात आत्महत्यांमागचं वैज्ञानिक सत्य उलगडतं...काय असतं ते सत्य?...वैज्ञानिक प्रयोगांतून उद्भवलेल्या गंभीर समस्यांचं भेदक आणि उत्कंठावर्धक चित्रण करणाऱ्या कथा.

ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ ଓ ସମୀକ୍ଷା

5.0
2ଟି ସମୀକ୍ଷା

ଲେଖକଙ୍କ ବିଷୟରେ

कल्पना कुलश्रेष्ठ यांचा जन्म उत्तर प्रदेशातील अलीगढ इथे झाला. त्यांनी विज्ञानात आणि शिक्षणशास्त्रात पदवी प्राप्त केली. तसेच कला शाखेत त्यांनी पदव्युत्तर पदवी मिळवली आहे. गेली अनेक वर्षं त्यांचं विज्ञानकथालेखन सातत्याने सुरू आहे. हिन्दी भाषेतील पहिल्या महिला विज्ञानकथालेखिका म्हणून त्या ओळखल्या जातात. ‘नंदन’, ‘बाल भारती,’ ‘बाल किलकारी,’ ‘बाल हंस,’ ‘बाल वाटिका,’ ‘विज्ञान प्रगति,’ आदीमधून त्यांच्या विज्ञानकथा व लेख प्रकाशित झाले आहेत. त्यांच्या कथा मराठी, उर्दू, गुजराती व बंगाली भाषेत अनुवादित झाल्या आहेत आणि त्यातील अनेक कथांना पुरस्कार प्राप्त झाले आहेत. ‘उस सदी की बात' हा कथासंग्रह त्यांच्या नावावर आहे. हिन्दीतील दोन पाठ्यपुस्तकांमध्ये त्यांच्या विज्ञानकथा समाविष्ट आहेत. सी.वी.रमन तकनिकी लेखन सन्मान व विज्ञान कथाश्री या पुरस्कारांनी त्या सन्मानित आहेत.

जन्म : ११.५.१९६६




ई.मेल.: [email protected]


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