1978 बैच के आई.पी.एस. अधिकारी दिलीप त्रिवेदी अपनी कर्मठता, प्रबंधन कौशल व नवाचार के लिए जाने जाते हैं। सिविल पुलिस, पी.ए.सी., सी.बी.-सी.आई.डी., आई.टी.बी.पी., बी.एस.एफ. और सी.आर.पी.एफ. में विभिन्न पदों पर रहते हुए वर्तमान में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक पद पर कार्यरत हैं। प्रस्तुत पुस्तक उनके जीवन के तमाम अनुभवों का निचोड़ है, जो भावी पीढि़यों के लिए प्रेरणा का एक अक्षय स्रोत बनेगा।
Shivendra Singh
शैक्षिक ब्रांड Examania के संस्थापक, रचनात्मक दृष्टि से संपन्न व नितांत प्रयोगधर्मी शिवेंद्र प्रताप सिंह लेखक, स्तंभकार व कुशल प्रबंधक हैं। देश के विभिन्न प्रकाशन संस्थानों से दर्जनों पुस्तकें प्रकाशित। साहित्य, समाज, संस्कृति व दर्शन में विशेष रुचि रखनेवाले शिवेंद्र प्रताप सिंह ने जीवन के ज्वार-भाटे से उत्पादित अक्षय ऊर्जा को इस पुस्तक में सफलतापूर्वक लिपिबद्ध किया है।
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डॉ. विजय सोनकर शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश में वाराणसी जनपद में हुआ।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय से बी.ए., एम.बी.ए., पी-एच.डी. (प्रबंध शास्त्र) के साथ ही संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से शास्त्री की उपाधि प्राप्त। बाल्यकाल से ही संघ की शाखाओं में राष्ट्रोत्थान एवं परमवैभव के भाव से परिचित डॉ. शास्त्री की संपूर्ण शिक्षा-दीक्षा काशी में हुई।
तीन जानलेवा बीमारियों के बाद पूर्णरूपेण स्वस्थ हुए डॉ. शास्त्री ने प्रकृति के संदेश को समझा। हिंदू वैचारिकी और हिंदू संस्कृति को आत्मसात् कर राजनीति में प्रवेश किया और लोकसभा सदस्य बने। सामाजिक न्याय एवं सामाजिक समरसता के पक्षधर डॉ. सोनकर शास्त्री को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग, भारत सरकार का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया।
देश एवं विदेश की अनेक यात्राएँ कर डॉ. शास्त्री ने हिंदुत्व के प्रचार-प्रसार में अपनी भूमिका को सुनिश्चित किया तथा मानवाधिकार, दलित हिंदू की अग्नि-परीक्षा, हिंदू वैचारिकी एक अनुमोदन, सामाजिक समरसता दर्शन एवं अन्य अनेक पुस्तकों का लेखन किया। विश्वमानव के ‘सर्वोत्तम कल्याण की भारतीय संकल्पना’ को चरितार्थ करने का संकल्प लेकर व्यवस्था के सभी मोरचा पर सतत सक्रिय एवं वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।