Daastan-e-Mughal-e-Azam

· Manjul Publishing
4.7
6 రివ్యూలు
ఈ-బుక్
392
పేజీలు
రేటింగ్‌లు, రివ్యూలు వెరిఫై చేయబడలేదు  మరింత తెలుసుకోండి

ఈ ఇ-పుస్తకం గురించి

यह दास्तान उस गुज़रे वक़्त की सैर है, जब के आसिफ़ नाम का एक इंसान, नफ़रतों से भरी दुनिया में हर तरफ़ मुहब्बत की ख़ुशबू फैलाने वाले एक ऐसे ला-फ़ानी दरख़्त की ईजाद में लगा था, जिसकी उम्र दुनिया की हर नफ़रत से ज़्यादा हो। जिसकी ख़ुशबू, रोज़-ए-क़यामत, ख़ुद क़यामत को भी इस दुनिया के इश्क़ में मुब्तला कर सके। उसी इंसान ईजाद का नाम है - मुग़ल-ए-आज़म ।

यह दास्तान, ज़मानत है इस बात की कि जब-जब इस दुनिया-ए-फ़ानी में कोई इंसान के आसिफ़ कि तरह अप्पने काम को जुनून की हदों के भी पार ले जाएगा, तो इश्क़-ए-मज़ाज़ी को इश्क़-ए-हक़ीक़ी में तब्दील कर जाएगा। उसकी दास्तान को भी वही बुलंद और आला मक़ाम हासिल होगा, जो आज मुग़ल-ए-आज़म को हासिल है।

"ये फिल्म अपने आप में आखों की राहत का एक सामां हैं। डायरेक्टर के आसिफ़ ने जिस तरह इस तमाम कारनामे को तसव्वुर करके अंजाम दिया है, वह कमोबेश उसी तरह है जिस तरह एक पेंटिंग बनाना। इसी वजह से मैं इसकी तरफ़ राग़िब हुआ क्योंकि उसका तसव्वुर निहायत हसीन था ... मैं समझता हूँ कि ऐसी फ़िल्म अगर फिर बनाना हो तो के आसिफ़ को ही इस दुनिया में वापस आना होगा। कोई और इस कारनामे को अंजाम नहीं दे सकता।"

मक़बूल फ़िदा हुसैन


రేటింగ్‌లు మరియు రివ్యూలు

4.7
6 రివ్యూలు

రచయిత పరిచయం

राजकुमार केसवानी पत्रकारिता के 50 साल के सफ़र के दौरान न्य यॉर्क टाइम्स, द इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ़ इंडिया, संडे, द संडे ऑब्ज़र्वर, इंडिया टुडे, आउटलुक, इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली, इंडियन एक्सप्रेस, जनसत्ता, नव भारत टाइम्स, दिनमान, न्यूज़टाइम, ट्रिब्यून, द वीक, द एशियन एज, द इंडिपेंड जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशनों से विभिन्न रूप में सम्बन्ध रहे। 1998 से 2003 तक एनडीटीवी के मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ ब्यूरो प्रमुख रहे, 2003 सेदैनिक भास्कर, इंदौर संस्करण के संपादक तथा 2004 से 2010 तक भास्कर समूह में ही संपादक के पद पर कार्यरत रहे। 

ఈ ఈ-బుక్‌కు రేటింగ్ ఇవ్వండి

మీ అభిప్రాయం మాకు తెలియజేయండి.

పఠన సమాచారం

స్మార్ట్‌ఫోన్‌లు, టాబ్లెట్‌లు
Android మరియు iPad/iPhone కోసం Google Play Books యాప్‌ ని ఇన్‌స్టాల్ చేయండి. ఇది మీ ఖాతాతో ఆటోమేటిక్‌గా సింక్ చేయబడుతుంది మరియు మీరు ఆన్‌లైన్‌లో ఉన్నా లేదా ఆఫ్‌లైన్‌లో ఉన్నా చదవడానికి మిమ్మల్ని అనుమతిస్తుంది.
ల్యాప్‌టాప్‌లు, కంప్యూటర్‌లు
మీ కంప్యూటర్ వెబ్ బ్రౌజర్ ఉపయోగించి Google Playలో కొనుగోలు చేసిన ఆడియోబుక్‌లను మీరు వినవచ్చు.
eReaders మరియు ఇతర పరికరాలు
Kobo eReaders వంటి e-ink పరికరాలలో చదవడానికి, మీరు ఫైల్‌ను డౌన్‌లోడ్ చేసి, దాన్ని మీ పరికరానికి బదిలీ చేయాలి. సపోర్ట్ చేయబడే ఈ-రీడర్‌లకు ఫైళ్లను బదిలీ చేయడానికి వివరణాత్మక సహాయ కేంద్రం సూచనలను ఫాలో చేయండి.

Rajkumar Keswani నుండి మరిన్ని