लेखक उम्र से ऊपर का अनुभव रखता है। इन्होनें अपने सफल प्रयास से अपने जीवन को बनाना सीखना चाहा और सीख भी रहे हैं। इनके जन्म के बाद संघर्षों से इनकी इतनी घनिष्ठता हो गयी कि ये बिना मेहनत कुछ स्वीकार नहीं करना चाहते। इन्होनें उत्तर प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा प्रारंभ की और समाप्त भी की उच्च शिक्षा भी उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद से की यह पुरोहितों के वंश में जन्में और पुरोहिताई ही करना उचित समझा और उसी क्षेत्र में बढ़े भी ,इनके संघर्षों को इन्होंने कलम क्रांति में बदल दिया और उस क्रांति की लौ संस्कृति और साहित्य को सुरक्षित करने में कार्य करेगी।