Anek Lakshya Lekin Ek Drushtilakshya

· WOW PUBLISHINGS PVT LTD
4,6
7 recenzija
E-knjiga
297
str.
Ocjene i recenzije nisu potvrđene  Saznajte više

O ovoj e-knjizi

दृष्टिलक्ष्य पाने का महाराग


        इंसान एक वीणा की तरह है, जिसे ईश्वर ने प्रेम, आनंद, रचनात्मकता, सराहना, आश्चर्य का संगीत बजाने हेतु निर्मित किया है। यही उसके जीवन का दृष्टिलक्ष्य है। मगर ऐसा तभी संभव होता है, जब इसमें लगे सारे तारों की फाइन ट्यूनिंग हो... तभी वीणा से महाराग निकलेगा। किंतु इंसान के साथ समस्या यह है कि वह कोई तार ज़्यादा कस लेता है, किसी को ढिला छोड़ देता है तो किसी को तोड़ ही बैठता है...। 


        हमारे जीवन के तार हैं- स्वास्थ्य, रिश्ते, करियर, धन, सांसारिक और आध्यात्मिक उन्नति, सही सोच, कम्युनिकेशन स्किल, क्रिएटिविटी... आदि। इनमें से किसी एक पर भी ध्यान नहीं दिया तो जीवन का संगीत बेसुरा हो जाता है। उदाहरण के लिए-


        * आप कुशल हैं किंतु निर्णय लेते हुए झिझकते हैं।


     *‘लोग क्या कहेंगे’के रोग से पीड़ित हैं, जिस कारण खुलकर नहीं जी पाते।


        * लोगों को माफ नहीं कर पाते और अंदर ही अंदर घुटकर बीमार रहते हैं।


        * अपनी कमियों को स्वीकार नहीं कर पाते इसलिए उन्हें सुधार नहीं पाते।


        ये मात्र कुछ उदाहरण हैं। ऐसी कितनी बातें हैं, जो हमें आगे बढ़ने नहीं देतीं। अपने ऐसे सभी कमज़ोर पहलुओं को पहचानकर उन्हें सही करना हमारा लक्ष्य होगा और जब ऐसे सभी छोटेल क्ष्य प्राप्त होंगे तो उनकी सम्मिलित तान से जीवन का बड़ा दृष्टिलक्ष्य प्राप्त होगा। 


        इस पुस्तक में ऐसे लेख संकलित हैं, जो जीवन के लगभग सभी पहलुओं पर आपका भरपूर मार्गदर्शन करेंगे। जिससे न सिर्फ आप अपनी कमियों को पहचानकर उन्हें दूरकर पाएँगे बल्कि विकास की सीढ़ियाँ चढ़कर अपने जीवन का दृष्टिलक्ष्य भी प्राप्त कर lakshya

Ocjene i recenzije

4,6
7 recenzija

O autoru

सरश्री की आध्यात्मिक खोज का सफर उनके बचपन से प्रारंभ हो गया था। इस खोज के दौरान उन्होंने अनेक प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन किया। इसके साथ ही अपने आध्यात्मिक अनुसंधान के दौरान अनेक ध्यान पद्धतियों का अभ्यास किया। उनकी इसी खोज ने उन्हें कई वैचारिक और शैक्षणिक संस्थानों की ओर बढ़ाया। इसके बावजूद भी वे अंतिम सत्य से दूर रहे।


उन्होंने अपने तत्कालीन अध्यापन कार्य को भी विराम लगाया ताकि वे अपना अधिक से अधिक समय सत्य की खोज में लगा सकें। जीवन का रहस्य समझने के लिए उन्होंने एक लंबी अवधि तक मनन करते हुए अपनी खोज जारी रखी। जिसके अंत में उन्हें आत्मबोध प्राप्त हुआ। आत्मसाक्षात्कार के बाद उन्होंने जाना कि अध्यात्म का हर मार्ग जिस कड़ी से जुड़ा है वह है - समझ (अंडरस्टैण्डिंग)।


सरश्री कहते हैं कि ‘सत्य के सभी मार्गों की शुरुआत अलग-अलग प्रकार से होती है लेकिन सभी के अंत में एक ही समझ प्राप्त होती है। ‘समझ’ ही सब कुछ है और यह ‘समझ’ अपने आपमें पूर्ण है। आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति के लिए इस ‘समझ’ का श्रवण ही पर्याप्त है।’


सरश्री ने ढाई हज़ार से अधिक प्रवचन दिए हैं और सौ से अधिक पुस्तकों की रचना की हैं। ये पुस्तकें दस से अधिक भाषाओं में अनुवादित की जा चुकी हैं और प्रमुख प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की गई हैं, जैसे पेंगुइन बुक्स, हे हाऊस पब्लिशर्स, जैको बुक्स, हिंद पॉकेट बुक्स, मंजुल पब्लिशिंग हाऊस, प्रभात प्रकाशन, राजपाल अॅण्ड सन्स इत्यादि।

Ocijenite ovu e-knjigu

Recite nam što mislite.

Informacije o čitanju

Pametni telefoni i tableti
Instalirajte aplikaciju Google Play knjige za Android i iPad/iPhone. Automatski se sinkronizira s vašim računom i omogućuje vam da čitate online ili offline gdje god bili.
Prijenosna i stolna računala
Audioknjige kupljene na Google Playu možete slušati pomoću web-preglednika na računalu.
Elektronički čitači i ostali uređaji
Za čitanje na uređajima s elektroničkom tintom, kao što su Kobo e-čitači, trebate preuzeti datoteku i prenijeti je na svoj uređaj. Slijedite detaljne upute u centru za pomoć za prijenos datoteka na podržane e-čitače.