अजय कुमार पाण्डेय श्रेष्ठ अभिव्यक्ति को बहुत ही सहज और सरल शब्दों में व्यक्त करने वाले कथाकार हैं। उनकी कहानियों में राष्ट्रधर्म सर्वोपरि है, मानवता कूट-कूट कर भरी है। समाज का जज्बा छुपा है । इसके साथ ही आत्माभिव्यक्ति की झलक दिखलायी देती है जो प्रशंसनीय है । लेखनी वही जो सहज हो, आम आदमी की समझ में सहजता से आ जाये। जटिल शब्दों के प्रयोग से आम आदमी विषयवस्तु के प्रति अधिक रूचि नहीं ले पाता । यह बात इस पुस्तक ‘एक कदम शेष’ में स्पष्ट झलकती है । उनकी प्रत्येक कहानी रोचक होने के साथ-साथ उपयोगी सीख देने में समर्थ है । यह कहानी संग्रह ऐसी ही अद्भुत कहानियों से सन्नद्ध है । जिसके लिए लेखक साधुवाद के पात्र हैं । प्रस्तुत कहानी संग्रह अजय कुमार पाण्डेय की अनुभूतियों से जनमानस को अवगत करायेगा तथा पाठकगण को उक्त कथा संग्रह से जोड़ेगा, ऐसा मेरा मानना है । यह पुस्तक लेखक के भीतर छिपी असीम सम्भावनाओं को भविष्य में उत्कृष्ट कहानीकार के रूप में अभिव्यक्त करने में समर्थ है । इस संग्रह को कथा साहित्य जगत में यथोचित सम्मान मिले, यही कामना है। -डाॅ. सुधाकर आशावादी