यह यात्रा है विश्व कीर्तिमान स्थापित करनेवाले महाभारत के पात्र श्रीअर्जुन की… संघर्षों के बीच महान योद्धा बनने की… विकारों से मुक्ति पानेवाले खोजी की… मन में उठनेवाले असंख्य द्वंद्वों की… अंत में अपनी गीता सुनकर आत्मज्ञान प्राप्त भक्त की…!
पुत्र, पति, पिता, शिष्य, मित्र, योद्धा… वह सिर्फ इन भूमिकाओं तक सीमित नहीं रहा बल्कि एक खोजी भी बना जो सच्चाई, अच्छाई और भक्ताई के गहरे अर्थ को समझने की यात्रा पर चल पड़ा।श्रीअर्जुन की जीवनी हमें सिखाती है कि सच्चाई की भक्ति कैसे करें और भक्ति की सच्चाई कैसे जानें। इसके अतिरिक्त इस जीवनी से हम इन 6 मुख्य प्रश्नों के जवाब पा सकते हैं ः
1 महाकेंद्रित जीवन का चमत्कार क्या है?
2 सही निर्णय लेकर लक्ष्य तक कैसे पहुँचें?
3 अहंकार, पलायन, ईर्ष्या जैसे विकारों से कैसे मुक्ति पाएँ?
4 सच्ची उन्नति कौरव बनकर नहीं, गोवंशी बनकर कैसे करें?
5 अपनी दुविधाओं और प्रश्नों के जवाब धैर्य और साहस से कैसे खोजें?
6 जीवन में कर्तव्यनिष्ठा से आत्मनिष्ठा तक कैसे पहुँचें?
अर्जुन का जीवन कर्तव्य और भावनाओं के द्वंद्व से भरा था लेकिन उसकी सबसे कठिन परीक्षा तब हुई, जब वह कुरुक्षेत्र में अपने ही परिजनों के विरुद्ध खड़ा हुआ।यह सिर्फ अर्जुन की नहीं बल्कि हर उस इंसान की जीवनी है, जो जीवन के द्वंद्व में फँसकर, असली उद्देश्य की तलाश कर रहा है।
यदि आप भी श्रीअर्जुन की तरह जीवन का हर युद्ध जीतना चाहते हैं, साथ ही अपने सभी सवालों के जवाब पाना चाहते हैं तो यह ग्रंथ आपकी प्रतीक्षा कर रहा है।